मुंगरा बादशाहपुर जौनपुर क्षेत्र में ग्राम सोहांसा में भक्तगण शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन रविवार को नवदुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कंदमाता का पूजन किये कार्तिकेय (स्कन्द) की माता होने के कारण इनको स्कन्दमाता कहा जाता है. यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती है इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुए हैं. इसलिए इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है.नव दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा लाभकारी मानी जाती है!इसके अलावा अगर संतान की तरफ से कोई कष्ट है तो उसका भी निवारण होता है.स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित कर तथा पीली चीज़ों का भोग लगाकर पूजन किये! पीले वस्त्र धारण कर माँ कि पूजा अर्चना के परिणाम अति शुभ. इसके बाद श्रद्धांलुओं ने संतान संबंधी प्रार्थना किया!यदि इस दिन पति पत्नी अगर एक साथ पूजा करें तो संतान प्राप्ति सरलता से हो सकती है!इस दिन की पूजा से माता पिता और संतान के बीच के रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं.विशेष प्रसाद नवदुर्गा

के पांचवे स्वरुप स्कंदमाता को केले का भोग लगाने से देवी मां प्रसन्न होती हैं. इस भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें!भक्तगणो ने माँ दुर्गा कि पचावे रूप स्कन्दमाता का पूजन आरती करने के बाद माँ कि प्रतिमा के सामने भजन और नाच किये पुरुषो के अपेक्षा महिलाओ कि सख्या अधिक था इस अवसर पर तमाम दूर- दराज से श्रद्धालु उपस्थित थे
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